वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख तीर्थस्थल श्रीमहाप्रभुजी की बैठक एवं गुसाईं श्रीविठ्ठलनाथजी की प्राकट्य स्थली चरणाटधाम (चुनार) में गुसाईं श्रीविठ्ठलनाथजी का 511वां त्रिदिवसीय प्राकट्य महोत्सव आज से भव्य रूप से प्रारंभ हो गया। यह महोत्सव 12 से 14 दिसंबर 2025 तक अखिल भारतीय स्तर पर मनाया जा रहा है।गुसाईं श्रीविठ्ठलनाथजी का प्राकट्य विक्रम संवत 1572 माघ कृष्ण नवमी को इसी चरणाटधाम में हुआ था।
पुष्टिमार्ग के विस्तार और वैष्णव परंपरा में उन्होंने अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया।पहले दिन प्रातः 7:30 बजे मंदिर प्रांगण से भव्य शोभायात्रा (पदयात्रा) निकाली गई। षष्ठपीठाधिश्वर गोस्वामी 108 श्री श्याममनोहर जी महाराज और गोस्वामी प्रियंदु बावा ने गुसाईं श्रीविठ्ठलनाथजी की छवि पर तिलक, माल्यार्पण एवं भोग अर्पित कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया।किर्तन-भजन के साथ निकली यह यात्रा पूरे मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए मंगला दर्शन के पश्चात चरणाटधाम (चुनार) के लिए प्रस्थान कर गई। वैष्णवजन सुखपाल पर विराजी गुसाईं श्रीविठ्ठलनाथजी की छवि को कंधों पर उठाए हुए आगे बढ़ रहे थे।
पुरुष एवं महिलाएं सभी केसरिया उर्पना पहनकर भक्ति में लीन नजर आए।शोभायात्रा मंदिर परिसर से निकलकर ठठेरी बाजार, जौहरी बाजार, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, लक्सा, गुरूबाग, रथयात्रा, महमूरगंज होते हुए मंडुआडीह स्टेशन पहुंची। यहां से छवि जी को वाहन द्वारा चरणाटधाम रवाना किया गया।रास्तेभर सामाजिक संस्थाओं और वैष्णव समुदाय ने पुष्पवर्षा करते हुए शोभायात्रा का स्वागत किया। इस धार्मिक आयोजन में मधुसूदनदास सोनावाला, राममोहनदास गुप्ता, मीडिया प्रभारी अतुल शाह, गणेशदास सोनावाला, बृजकिशोरदास किनारीवाला, बृजमोहनदास रेशमवाले, रमेश भाई दिल्लीवाले, आनंदकृष्ण अग्रवाल, सचिन पारिख, श्रीमती छायाबेन सहित बड़ी संख्या में वैष्णवजन उपस्थित रहे।
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